ये हैं भारत के 5 सबसे अमीर मंदिर, हर साल इन भारतीय मंदिरों में चढ़ाए जाते हैं करोड़ों का चढ़ावा

देश-विदेश

आस्था का प्रतीक यह देश पुराने समय से अपने मंदिरों के लिए पहचाना जाता है। यहां कई सारे मंदिर मौजूद हैं, जो अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए जाने जाते हैं। मंदिर में माथा टेकने वाले ये भक्त भगवान को लाखों-करोड़ों रुपये का चढ़ावा भी अर्पित करते हैं। भक्तों के इन्हीं चढ़ाने की वजह से देश में कई ऐसे मंदिर हैं

महाराष्ट्र- सांई बाबा मंदिर

शिरडी का मशहूर सांई बाबा मंदिर इस सूची में चौथे नंबर पर है। पूरी दुनिया में मशहूर इस मंदिर में हर साल करीब 480 करोड़ रुपये का चढ़ावा आता है। महाराष्ट्र स्थित धार्मिक नगरी शिरडी की पहचान साईं बाबा से ही है।

महाराष्ट्र- सिद्धिविनायक मंदिर

देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर भारत का पांचवां सबसे अमीर मंदिर है। प्रथम पूजनीय भगवान गणेश का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यहां आम आदमी से लेकर कई मशहूर हस्तियां तक सिर झुकाने पहुंचती हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो हर साल यहां करीब 125 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।

आंध्र प्रदेश- तिरुपति बालाजी मंदिर

आंध्र प्रदेश का मशहूर तिरुपति बालाजी मंदिर चढ़ावे के मामले में भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुमाला पर्वत पर स्थित है। अपने चमत्कारों के लिए मशहूर इस मंदिर में हर साल लगभग 650 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा चढ़ाया जाता है।

त्रिवेंद्रम- पद्मनाभ स्वामी मंदिर

त्रिवेंद्रम स्थित पद्मनाभ स्वामी मंदिर इस सूची में पहले नंबर पर है। कई रिपोर्ट्स की मानें तो करीब 20 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ यह मंदिर देश का सबसे अमीर मंदिर है। भगवान विष्णु को समर्पित यह मंदिर साल 2011 में चर्चा में आया था, जब इसके 6 दरवाजों को खोलने पर इसमें से काफी सारे सोने-हीरे और बहुमूल्य जवाहरात मिले थे। हालांकि, कोर्ट की तरफ से इसके 7वें दरवाजे को खोलने की अनुमति नहीं मिली थी, जहां कथित तौर सबसे ज्यादा धन मौजूद है।

जम्मू- माता वैष्णव देवी मंदिर

जम्मू की वादियों में मौजूद माता माता वैष्णव देवी का मंदिर देश के सबसे अमीर और मशहूर मंदिरों में से एक है। इस लिस्ट में यह मंदिर तीसरे नंबर पर है। जम्मू और कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत श्रुंखला के कतरा में स्थित इस मंदिर में हर साल देश-विदेश से कई लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो यहां हर साल करीब 500 करोड़ रुपये का दान किया जाता है।