बीजापुर : माओवाद के खात्मे तक जारी रहेगी लड़ाई, बस्तर में दो जवानों के शहीद होने पर बोले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

छत्तीसगढ़ राज्य

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में दो सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि माओवाद के सफाए तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं बस्तर पुलिस ने बताया कि गुरुवार को बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में दो सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए जबकि चार अन्य घायल हो गए।

साय ने एक्स पर लिखा, ‘बीजापुर जिले के तर्रेम क्षेत्र में माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट में एसटीएफ के 2 जवानों के शहीद होने और 4 जवानों के घायल होने की दुःखद सूचना प्राप्त हुई है। ईश्वर से शहीद जवानों की आत्मा की शांति और घायल जवानों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। माओवाद के खात्मे के लिए हमारी सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान से नक्सली विचलित हैं और कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। माओवाद के खात्मे तक हमारी ये लड़ाई जारी रहेगी।’

पुलिस ने कहा, ‘बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा के बीच बॉर्डर एरिया में दरभा डिवीजन, पश्चिम बस्तर डिवीजन और सैन्य कंपनी नंबर 2 में नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने पर, उक्त जिलों से एसटीएफ, डीआरजी, कोबरा और सीआरपीएफ की टीमें 16 जुलाई 2024 को एक ज्वाइंट ऑपरेशन पर निकली थीं।’ शहीद जवानों की पहचान रायपुर निवासी कांस्टेबल भरत साहू और नारायणपुर निवासी कांस्टेबल सत्येर सिंह कांगे के तौर पर हुई है।

जब यह घटना घटी उस समय नक्सल विरोधी अभियान में शामिल सुरक्षाकर्मी सर्च ऑपरेशन से वापस लौट रहे थे। पुलिस ने बताया, ’17 जुलाई 2024 को बीजापुर जिले के तर्रेम इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में दो एसटीएफ जवान शहीद हो गए और चार जवान घायल हो गए।’ पुलिस के अनुसार, उक्त क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया है और घायल एसटीएफ जवानों के बेहतर इलाज के लिए जरूरी व्यवस्था की गई है। बुधवार को एक अहम नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों ने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित वंडोली गांव में एक बड़ा अभियान चलाया, जिसमें 12 नक्सली मारे गए और भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए।