‘लक्ष्मीनाथ‘ के लिए मत्स्य पालन बना अतिरिक्त आय का जरिया

छत्तीसगढ़ राज्य

दंतेवाड़ा, वर्तमान में मनरेगा योजना के सफल क्रियान्वयन से जिले के सैकड़ों ग्रामीणों के जीवन स्तर पर बदलाव हुआ है। मनरेगा की बदलौत पंचायत स्तर पर आजीविका उन्मुख कार्य जैसे डबरी निर्माण, कुआं निर्माण,खेत समतलीकरण जैसे कई कार्य के द्वारा ग्रामीणों के समक्ष अपने आजीविका वर्धन अनके विकल्प प्रस्तुत हुए है। इन कार्यों से ग्रामीणों को रोजगार मिलने के साथ ही उनके जीवन स्तर में काफी सुधार देखने को मिल रहा है और उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ हो रही है। इसके मद्देनजर मनरेगा योजना की सहायता से किसानों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ कृषि कार्य को और अधिक सरल बनाने हेतु डबरी निर्माण कार्य का भी प्रावधान इस योजना के अन्तर्गत है। जिसका उपयोग कर आज किसान खेतों में सिंचाई कर फसलों की अच्छी पैदावार ले रहा है एवं साथ ही मछली पालन कर रोजगार के अवसर प्राप्त कर अपने जीवन को और अधिक बेहतर बना रहे है।
किसानों के लिए कृषि के अलावा कृषि यंत्र ससाधनों से आय अर्जित करना वर्तमान समय की मांग है और मनरेगा योजना कृषकों के लिए ऐसे अनेक आजीविका मूलक गतिविधि उपलब्ध कराती है। जिनसे किसान आर्थिक रूप लाभान्वित हो सकते है और कृषक स्वविवेक से इनका चयन कर के अपने जीवन को खुशहाल बना सकते है। इस कड़ी गीदम ब्लॉक के ग्राम पंचायत झोडियाबाड्म के लक्ष्मीनाथ पिता लच्छू भी ऐसे किसानों में शामिल है जो मनरेगा के तहत निर्मित डबरी को सिंचाई तक सीमित ना करके इसका उपयोग मत्स्य पालन के लिए कर रहे है और आज यह उनका अतिरिक्त आय का जरिया बन चुका है। इस मत्स्य पालन से उन्हें अब तक लगभग 35 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त हो चुकी है। जाहिर है डबरी निर्माण से जहां फसलों की अधिक पैदावार एवं सिंचाई में कृषकों को सुविधा हुई है वही मत्स्य पालन करके भी इन किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है। बहरहाल डबरी बन जाने के बाद श्री लक्ष्मीनाथ को खेती-किसानी के लिए पानी की उपलब्धता भरपूर हो पा रही हैै। इसके अलावा वे मछली पालन का काम करके अन्य कृषकों प्रेरित भी कर रहे है। कुल मिलकर उन्हें अब अपने परिवार की आजीविका चलाने में कोई कठिनाई नही है। कृषक लक्ष्मीनाथ का इस परिप्रेक्ष्य शासन को धन्यवाद देते हुए कहना है कि अन्य कृषक भी मनरेगा के तहत डबरी निर्माण का उपयोग अपनी अतिरिक्त आय अर्जन के लिए कर सकते है।