आम लोगों को बाजार मूल्य से 90 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्रो का विस्तार होने जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विस्तार करने के लिए सरकार 2000 नए जनऔषधि केंद्र खोलने जा रही है। यह केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद कृषि ऋण समितियों में खोले जाएंगे। सहकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने देशभर में 2,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि करीब 1,000 जन-औषधि केंद्र इस साल अगस्त तक खुल जाएंगे जबकि बाकी जन-औषधि केंद्र दिसंबर तक खुलेंगे। सहकारिता मंत्री अमित शाह और रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया के बीच हुई एक बैठक में पैक्स समितियों को जन-औषधि केंद्र खोलने की मंजूरी देने का यह फैसला किया गया। इसके लिए देशभर से 2,000 पैक्स समितियों का चयन किया जाएगा। सहकारिता मंत्रालय ने कहा, ”इस महत्वपूर्ण फैसले से न केवल पैक्स समितियों की आय और रोजगार अवसरों में बढ़ोतरी होगी बल्कि दवाएं भी लोगों को किफायती दाम पर मुहैया कराई जा सकेंगी।”
देशभर में अबतक किफायती दवाओं की बिक्री वाले 9,400 से अधिक जन-औषधि केंद्र खुल चुके हैं। इन केंद्रों के जरिये करीब 1,800 दवाओं और 285 चिकित्सा उपकरणों की बिक्री की जाती है। इन दवाओं के दाम खुले बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50-90 प्रतिशत तक कम होते हैं। जन-औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदक के पास न्यूनतम 120 वर्ग फुट की जगह होनी चाहिए। इसका आवेदन शुल्क 5,000 रुपये है।