छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में मवेशियों को ले जा रहे तीन लोगों की उस समय मौत हो गई थी, जब वे लोगों द्वारा पीछा करने के बाद पुल से नदी में कूद गए थे। पुलिस ने बताया कि उन पर कोई हमला नहीं किया गया।
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 8 जुलाई को रायपुर की एक अदालत में दाखिल आरोपपत्र में दावा किया गया है कि ट्रक में मवेशी लेकर जा रहे तीन लोगों का कार में सवार पांच लोगों ने करीब 53 किलोमीटर तक पीछा किया था। इन लोगों के डर से ट्रक में सवार तीनों लोग एक पुल से नदी में कूद गए थे। घटना 7 जून की है।
पुलिस ने इस मामले में पहले कहा था कि रायपुर जिले के अरनाग थाना क्षेत्र में भीड़ द्वारा कथित तौर पर पीछा किए जाने के बाद ट्रक में मवेशी लेकर जा रहे गुड्डु खान (35) और चांद मिया खान (23) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उनके सहयोगी सद्दाम कुरैशी को इस घटना में चोटें आईं और रायपुर के एक अस्पताल में उसकी भी मौत हो गई।
उत्तर प्रदेश के रहने वाले तीन लोगों को आरंग क्षेत्र में महानदी पर पुल के नीचे देखा गया, जबकि भैंसों से भरा उनका ट्रक पुल पर खड़ा पाया गया। आरंग पुलिस ने तब अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 307 (हत्या का प्रयास) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। कुरैशी की मौत के बाद पुलिस ने कहा कि उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट लगने का उल्लेख नहीं है। इसलिए हत्या के प्रयास का आरोप हटा दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच के लिए रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कीर्तन राठौड़ के नेतृत्व में 14 सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया।
बाद में पुलिस ने अलग-अलग जगहों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत आरोप पत्र दायर किया। आरोप पत्र में कहा गया है कि सभी पांच आरोपियों को मवेशियों से भरे एक ट्रक की जानकारी मिली थी। तीन कारों में आरोपियों ने ट्रक का पीछा किया और वाहन पर लोहे की कील लगी लकड़ी की पट्टी और कांच के टुकड़े फेंककर इसे रोकने की कोशिश की। ट्रक ड्राइवर ने भागने की कोशिश में लगभग 14 किमी तक गलत दिशा में वाहन चलाया, लेकिन आरोपियों ने उनका पीछा करना जारी रखा।
आरोपियों द्वारा फेंके गए लोहे की कीलों और पत्थरों के कारण ट्रक का एक टायर क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद ट्रक महानदी पर बने पुल पर रुक गया। डर के मारे ट्रक में सवार तीनों लोग पुल से नदी में कूद गए। आरोपियों ने लगभग 53 किलोमीटर तक ट्रक का पीछा किया और उसे अवैध रूप से रोकने की कोशिश की। आखिरकार आरोपियों की हरकत से घबराकर तीनों ट्रक से उतर गए और पुल से नदी में कूद गए, जिससे तीनों में से एक चांद खान की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, गुड्डु खान की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
उनके सहयोगी कुरैशी ने लगभग दो सप्ताह तक इलाज के बाद दम तोड़ दिया। आरोप पत्र में कहा गया है कि पुल से कूदने के बाद लगी गंभीर चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई। अभियुक्तों का कृत्य आईपीसी की धारा 304 में उल्लेखित आपराधिक कृत्य के तहत आता है। जांच के बाद आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
घटना के बाद कुरैशी के चचेरे भाई और शिकायतकर्ता शोहेब खान ने दावा किया था कि भीड़ ने तीन लोगों का पीछा कर उन पर हमला किया, जब वे मवेशियों से भरे ट्रक में महासमुंद से आरंग की ओर जा रहे थे। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसे चांद खान का फोन आया था। उसने बताया कि जब उन पर हमला हो रहा था तो उसके दोस्त मोहसिन को कुरैशी ने फोन किया था। शोहेब खान ने दावा किया था कि चांद ने उसे बताया कि उन पर भीड़ द्वारा हमला किया जा रहा है, लेकिन इससे पहले कि वह कुछ और बता पाता, कॉल काट दी गई।