राजनीतिक हित याचिका हुई निरस्त,, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को न्यायालय से बड़ी राहत, कोर्ट ने आवेदन कर्ता को तथ्य छुपाने पर लगाई फटकार,

छत्तीसगढ़ राज्य

राजनीतिक हित याचिका हुई निरस्त,,कोर्ट ने आवेदन कर्ता को तथ्य छुपाने पर लगाई फटकार,, हाईकोर्ट बिलासपुर ने कहा कि यह याचिका व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रस्तुत किया गया है, जनहित का नहीं है।

अम्बिकापुर विधायक और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव को न्यायालय से बड़ी राहत मिली है,तरुनीर संस्था के द्वारा टीएस सिंह देव के खिलाफ न्यायालय में लगाए गए जनहित याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है,ऐसे में टीएस सिंह देव की लीगल टीम ने इसे टीएस सिंह देव के छवि को धूमिल करने के लिए लगाया गया झूठा आरोप बताया है हाईकोर्ट बिलासपुर ने कहा कि यह याचिका व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रस्तुत किया गया है, जनहित का नहीं है।

दरअसल तरुनीर संस्था के अध्यक्ष कैलाश मिश्रा व भाजपा पार्षद आलोक दुबे ने आरोप लगाया था कि शिवसागर तालाब की 52 एकड़ भूमि को पाटकर टीएस सिंह देव ने इसकी बिक्री कर दी,,, इस मामले को लेकर शिकायतकर्ताओं द्वारा राजस्व न्यायालय से ग्रीन ट्रिब्यूनल और जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी,,, राजस्व न्यायाल, न्यायालय ओर ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पहले ही इसे खारिज कर दिया था और अब न्यायाल ने इसे जनहित के मुद्दा मानने से इंकार करते हुए इसे खारिज कर दिया है,,, इस मामले में ये साफ किया गया कि उक्त तालाब का रकबा 52 एकड़ नही बल्कि 31 एकड़ है और बाकी की शेष भूमि खाली जमीन के रूप में दर्ज है मगर शिकायत में पूरी जमीन को तालाब बताकर शिकायत की थी,, ऐसे में टीएस सिंह देव की लीगल टीम ने न्यायाल द्वारा याचिका खारिज करने की जानकारी देते हुए इस बात का भी खुलासा किया कि ये मामला सिर्फ राजनैतिक द्वेष और टीएस सिंह देव की छवि को धूमिल करने उठाया गया था और ये संभवतः पहला मामला होगा जिसकी शिकायत राजस्व न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कि गई और हर न्यायालय में फैसला शिकायत कर्ताओ के ही खिलाफ गया ऐसे में इस मामले में शिकायतकर्ताओं को मुह की खानी पड़ी और टीएस सिंह देव को बड़ी राहत मिली है ।