नगर निगम की सामान्य सभा में भाजपा पार्षदों का हंगामा

छत्तीसगढ़ राज्य

रायपुर। नगर निगम रायपुर की आखिरी सामान्य सभा में जैसा कि अंदेशा था हंगामा होगा और हो भी गया। जब भाजपा पार्षदों ने लाइट मेट्रो ट्रेन के मुद्दे पर जमकर विरोध किया। जैसे ही सभा शुरू हुई, विपक्षी पार्षदों ने लाइट मेट्रो ट्रेन से जुड़े सवालों को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। भाजपा पार्षदों ने महापौर का फर्जी मेट्रो टे्रन का बोर्ड लेकर सभापति के डायस के सामने आ गए और महापौर से रायपुर की जनता से माफी की मांग करने लगे। इस मुद्दे पर बहस इतनी बढ़ गई कि सदन में माहौल गर्म हो गया। कुछ देर के लिए सभा स्थगित करनी तक पड़ गई। फिर चालू हुआ तो जनहित के मुद्दों को लेकर पार्षद फिर हंगामा करने लगे,कामकाज ठप हो गया है और महापौर हकीकत स्वीकार नहीं हैं इसलिए चर्चा से भाग रहे हैं।

सभा की शुरुआत में ही भाजपा पार्षद अमर बंसल और सभापति प्रमोद दुबे के बीच तीखी बहस छिड़ गई। बंसल ने महापौर को झूठा करार दिया और महापौर के बोर्ड को हटाने की मांग की। इसके जवाब में सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि बंसल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, नियमों के दायरे में बात करें सदस्य। जिससे सदन में और शोरगुल बढ़ गया।

नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने सवाल उठाया कि महापौर ने लाइट मेट्रो ट्रेन के सवाल को अचानक से क्यों हटा दिया। उन्होंने महापौर से इस मुद्दे पर जवाब दिलवाने की मांग की और महापौर पर आरोप लगाया कि वे जनता से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं। विपक्ष ने महापौर को झूठा महापौर कहते हुए जवाबदेही की मांग की, जिससे सदन का माहौल गरमा गया।

सभापति प्रमोद दुबे ने स्थिति को संभालने के लिए सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन इससे पहले विपक्षी पार्षद सभापति की टेबल तक पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। सभापति ने कहा कि सदन की मर्यादा बनाए रखना आवश्यक है और उन्होंने पार्षदों से अपील की कि वे नियमों का पालन करें। हंगामे के बीच, महापौर ने 8 पार्षदों के सवालों को निरस्त कर दिया, जिससे विपक्ष का आक्रोश और बढ़ गया। विपक्षी पार्षदों ने सवालों को निरस्त किए जाने का विरोध किया और इसे जनता की आवाज़ दबाने की कोशिश करार दिया। हंगामा होते रहा,मुद्दों पर चर्चा हो ही नहीं पा रही थी। समाचाल लिखे जाने तक सामान्य सभा जारी था।