🌹 मघा नक्षत्र के बारिश जल की महिमा 🌹
🌹वर्षा ऋतु में सूर्य का मघा नक्षत्र में भ्रमण बहुत ही लाभदायक है । मघा नक्षत्र के बारे में कहा जाता है कि “मघा के बरसे, माता के परसे”
अर्थात, जैसे बालक का पेट माता द्वारा भोजन कराने से ही भरता है, वैसे ही मघा नक्षत्र की वर्षा ही धरती माता की प्यास बुझाती है जिससे फसल भी अच्छी होती है ।
🌹 मघा नक्षत्र में वर्षा हो तो उस वर्षा का जल गुणों में ‘सोने के समान व पवित्रता में गंगाजल के समान’ माना जाता है ।
🌹इस जल को किसी बर्तन में भर कर पूरे वर्ष रखे जाने पर भी यह किसी प्रकार से खराब नहीं होता, इसमें कीड़े नही पड़ते ।
खंभात (गुजरात) में हर घर में बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए बड़े-बड़े टैंक थे और आज भी ये टैंक कुछ घरों में पाए जाते हैं जहाँ खंभातवासी वर्षा का जल एकत्र कर उसका उपयोग करते हैं ।
🔹 इस जल का उपयोग किसलिए किया जा सकता है ?
👉🏻 परमात्मा के दिव्य-अभिषेक के लिए उत्तम जल ।
👉🏻 आँखों के किसी भी रोग में दो-दो बूंद आँखों में डाल सकते हैं ।
👉🏻 किसी भी प्रकार के पेट दर्द में इस जल का सेवन बहुत फायदेमंद है ।
👉🏻 यह जल बच्चों को पिलाने से, उनके पेट में कृमि हो तो निकल जाती है ।
👉🏻 यदि आप कोई आयुर्वेदिक दवा ले रहे हैं तो इस जल के साथ लेने से उसके लाभ बढ़ जाते हैं ।
👉🏻 इस जल में भोजन बनाना भी बहुत स्वादवर्धक और स्वास्थकारक है ।
🔹 ‘महत्वपूर्ण सूचना’ :- इस वर्ष सूर्य की कक्षा मघा नक्षत्र में 17/08/2023 से 31/08/2023 तक रहेगी ।
🔹इन दिनों में जब भी बारिश हो, जितना हो सके बारिश का पानी इकट्ठा कर लें । इन दिनों में खुले मैदान में ताँबा, पीतल, काँसा या स्टील के पात्र इस प्रकार रखें कि वर्षा का जल सीधे आपके द्वारा रखे गए पात्रों में भर जाए ।