रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 नवंबर से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस निर्णय को मंजूरी मिल चुकी है। अब गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय कमिश्नरेट सिस्टम लागू करने की तैयारियों में जुट गए हैं।

राजस्थान में 69 साल का रिकॉर्ड टूटा, कुल्लू और अहमदाबाद में बारिश ने ली जान
डीजीपी अरुणदेव गौतम के निर्देश पर सीनियर एडीजी प्रदीप गुप्ता के नेतृत्व में 7 वरिष्ठ IPS अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें अजय यादव, अमरेश मिश्रा, ध्रुव गुप्ता, अभिषेक मीणा, संतोष सिंह और प्रभात शामिल हैं। यह कमेटी पुलिस कमिश्नरेट का ड्राफ्ट तैयार कर रही है।

नया एक्ट या मौजूदा कानून?
कमेटी यह विचार कर रही है कि नया अधिनियम लाया जाए या छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 के तहत ही कमिश्नर प्रणाली लागू की जाए। चूंकि विधानसभा सत्र दिसंबर में है, इसलिए सरकार अध्यादेश के माध्यम से 1 नवंबर तक सिस्टम लागू करने पर भी विचार कर रही है।
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में क्या बदलेगा?
-
वर्तमान में IG और SSP लॉ एंड ऑर्डर संभालते हैं।
-
सिस्टम लागू होने के बाद 7 IPS अधिकारी तैनात होंगे।
-
दर्जनों राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी क्राइम कंट्रोल में लगे होंगे।
-
संभावित सेटअप:
-
पुलिस कमिश्नर (CP) – ADG रैंक
-
संयुक्त आयुक्त (Joint CP) – IG रैंक
-
अपर आयुक्त (Addl. CP) – DIG रैंक
-
डिप्टी कमिश्नर (DCP) – SP/SSP रैंक (4 जोन)
-
सहायक आयुक्त (ACP) – DSP/ASP रैंक
-
पुलिस को मिलेंगे दंडाधिकारी के अधिकार
धारा 144 लागू करना, धरना/प्रदर्शन की अनुमति देना, लाठीचार्ज का आदेश देना और शस्त्र तथा बार लाइसेंस जारी करना अब पुलिस कमिश्नर के अधिकार में होगा।
क्यों जरूरी है यह प्रणाली?
-
तत्काल निर्णय: पुलिस को हर छोटे-बड़े फैसले के लिए कलेक्टर की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
-
जवाबदेही और अधिकार: कमिश्नर प्रणाली में पुलिस के पास प्रशासनिक शक्तियां होंगी।
-
अपराध नियंत्रण: बड़े शहरों में गंभीर अपराध और भीड़ नियंत्रण में यह प्रणाली अधिक प्रभावी होगी।
प्रधानमंत्री से उद्घाटन का लक्ष्य
सरकार की कोशिश है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 नवंबर को रायपुर आएं, तो उनके हाथों इस प्रणाली की शुरुआत हो। यह कदम अपराध नियंत्रण, बेहतर प्रशासनिक निर्णय और तेज़ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।