छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेशवासियों को एक बड़ी सौगात देते हुए अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है ‘‘छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (क्रमांक 20 सन् 1959) के मूल अधिनियम के अनुसूची 04 में योजना के स्थान पर ‘‘योजना/विशिष्टियॉ’’ प्रतिस्थापित करने एवं ‘‘दिनांक 31.10.2024 तक गृह निर्माण मण्डल को आबंटित भूमियॉ’’ जोड़ा जाना अधिनियमित किया गया है। इसके अतिरिक्त ‘‘मूल अधिनियम की उप-धारा (1) में ऐसी भूमि जो ग्राम निवेश अधिनियम 1973 क्रमांक 23 के अधीन मास्टर प्लॉन में कृषि भिन्न प्रयोजनार्थ आरक्षित कर दी गई है, के लिए भू-उपयोग परिवर्तन कराने हेतु अनुज्ञा अपेक्षित नही होगी, केवल विहित रीति से पुर्ननिर्धारण कर सकेगा‘‘ प्रतिस्थापित किया गया है।

उपरोक्तानुसार छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल को आबंटित भूमियों का व्यपवर्तन (लैण्ड डायवर्सन) हेतु पुर्ननिर्धारण से छूट दिया गया है। अब छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा सभी योजनाओं के संपत्तियों को फ्री-होल्ड में परिवर्तित किये जाने पर राजस्व विभाग के दस्तावेजों में नामांतरण सरलता से दर्ज किया जा सकेगा।
यह ऐतिहासिक निर्णय दिनांक 26 नवंबर, 2024 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया था, जिसे छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 22 सितंबर, 2025 को राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किया गया है। इसके अंतर्गत 31 अक्टूबर, 2024 तक गृह निर्माण मंडल द्वारा हितग्राहियों को आवंटित संपत्तियों का धारणाधिकार आवासीय रूप में परिवर्तित किया जाएगा।
इस आदेश के पूर्व, फ्रीहोल्ड के पश्चात जब हितग्राही राजस्व अभिलेखों में नामांतरण के लिए आवेदन देते थे, तब भूमि स्वामी के रूप में उनका नाम तो दर्ज हो जाता था, किंतु भू-प्रयोग में सुधार नहीं होने के कारण वह भूमि तब भी “कृषि“ अथवा “शासकीय“ रूप में प्रदर्शित होती थी। इससे हितग्राहियों को व्यपवर्तन ;संदक कपअमतेपवदद्ध की जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था तथा उन्हें प्रीमियम, वार्षिक पुनरीक्षित भू-राजस्व, अधोसंरचना उपकर, पर्यावरण उपकर एवं अर्थदंड जैसी अतिरिक्त वित्तीय बाधाओं का सामना करना पड़ता था।

इस निर्णय से अब ऐसे सभी प्रकरणों में भू-स्वामित्व एवं भू-प्रयोग को ’आवासीय’ में परिवर्तित किया जा सकेगा। यह उन सभी आबंटियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा, जो वर्षों से अपनी संपत्तियों को फ्रीहोल्ड कराने के प्रयास कर रहे थे।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा दिनांक 25 सितंबर, 2024 को ऐसे प्रकरणों में फ्री-होल्ड पर रोक लगा दी गई थी, जिनमें भूमि का धारणाधिकार “कृषि“, “शासकीय“ अथवा “अन्य“ रूप में दर्ज था। अब शासन से इस भू-संहिता संशोधन के पश्चात छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा पुनः फ्री-होल्ड करने हेतु आदेश दिनांक 29.09.2025 को जारी कर दिया गया है।
इस निर्णय से संपत्ति स्वामित्व से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा और आवंटियों को बैंकों से ऋण लेने, संपत्ति का हस्तांतरण, नामांतरण आदि कार्यों में महत्वपूर्ण सुविधा प्राप्त होगी।

माननीय मंत्री, आवास एवं पर्यावरण विभाग, श्री ओ. पी. चौधरी जी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भू राजस्व संहिता में संशोधन कर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के हितग्राहियों को फ्रीहोल्ड में हो रही कठिनाईयों को पूर्ण रूप से दूर करते हुए वित्तीय राहत भी दिया गया है। अब हितग्राहियों को व्यपवर्तन ;संदक कपअमतेपवदद्ध हेतु कोई राशि देय नहीं होगा। इससे वे आबंटी जो वर्षों से अपनी संपत्तियों को फ्रीहोल्ड कराने में अड़चनों का सामना कर रहे थे, अब उन्हें स्थायी समाधान मिलेगा। इस निर्णय से राजस्व अभिलेखों में पारदर्शिता आएगी, संपत्तियों का वास्तविक उपयोग स्पष्ट होगा और बैंकों से ऋण, नामांतरण एवं अन्य वैधानिक कार्यों में भी गति आएगी। सरकार की यह पहल आम जनता की सुविधा, अधिकार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।“’
माननीय अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल श्री अनुराग सिंह देव ने कहा प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में लिया गया यह निर्णय दूरदर्शी और ऐतिहासिक है। इससे हजारों आबंटी लाभान्वित होंगे, जिन्हें अब उनकी संपत्तियों पर पूर्ण मालिकाना हक प्राप्त होगा। यह निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार की आमजनों के प्रति प्रतिबद्धता, पारदर्शिता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह कदम प्रदेशवासियों को न केवल राहत देगा, बल्कि संपत्ति अधिकारों से जुड़ी जटिलताओं को समाप्त करने की दिशा में एक प्रभावी पहल सिद्ध होगा।