रायपुर/बिलासपुर: लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हुई गिरफ्तारी का विरोध अब छत्तीसगढ़ में भी तेज़ हो गया है। नागरिक समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग को लेकर राज्य की राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है। इसी बीच, आदिवासी समाज ने भी लद्दाख के लोगों के अधिकारों और वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में विभिन्न स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन किया।

केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह मांझी-चालकी के साथ अभिनन्दन भोज में हुए शामिल।

राज्यपाल से मिला नागरिक समाज प्रतिनिधिमंडल
रायपुर में, नागरिक समाज (Civil Society) के कई प्रमुख सदस्यों, शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने ज्ञापन में केंद्र सरकार से अपील की कि:

- सोनम वांगचुक को बिना शर्त तुरंत रिहा किया जाए।
- लद्दाख के लोगों के संवैधानिक अधिकारों, विशेषकर संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग पर गंभीरता से विचार किया जाए।
- वांगचुक पर लगाए गए NSA को अवैध बताते हुए इसे तुरंत हटाया जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने जोर दिया कि शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने वाले एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को इस तरह हिरासत में लेना लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है
आदिवासी समाज का प्रदर्शन
सोनम वांगचुक लद्दाख के लिए पर्यावरण संरक्षण और आदिवासी अधिकारों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में, उनके समर्थन में आदिवासी समाज के सदस्यों ने भी विरोध प्रदर्शन किया।
- कई जिलों में आदिवासी संगठनों ने रैलियां निकालीं और धरने दिए।
- प्रदर्शनकारियों ने प्लेकार्ड लिए हुए थे, जिन पर लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और वांगचुक को रिहा करने की मांग लिखी थी।
- आदिवासी नेताओं ने कहा कि वे लद्दाख के लोगों के हितों की रक्षा के लिए वांगचुक के संघर्ष का समर्थन करते हैं और उनकी गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं।
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया है, जबकि उनके समर्थकों का दावा है कि वह शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। उनकी पत्नी ने भी उनकी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।