Ekadashi Upay 2025 : हिंदू पंचांग में एकादशी तिथि को अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए विशेष होता है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति एकादशी के दिन व्रत रखकर विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके जीवन में धन, सौभाग्य और समृद्धि का आगमन होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक खास स्तोत्र का पाठ एकादशी पर करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और व्यक्ति को स्थायी सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। यह स्तोत्र है — “श्री सूक्तम” (Shree Suktam)।
श्री सूक्तम का महत्व
श्री सूक्तम देवी लक्ष्मी को समर्पित एक वेद स्तोत्र है, जिसमें धन, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की कामना की जाती है। इसे हर एकादशी और शुक्रवार के दिन श्रद्धा से पढ़ना अत्यंत शुभ माना गया है।
श्री सूक्तम पाठ के लाभ
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धन और समृद्धि की प्राप्ति: नियमित श्री सूक्त पाठ से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
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आर्थिक संकट से मुक्ति: यह पाठ दरिद्रता और आर्थिक तंगी को समाप्त करता है।
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दीर्घायु और आरोग्य: देवी लक्ष्मी की कृपा से आयु, स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है।
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यश और सफलता: जीवन में प्रतिष्ठा, यश और सफलता बढ़ती है।
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नकारात्मकता से मुक्ति: घर की नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य का नाश होता है।
श्री सूक्तम पाठ की विधि
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सबसे पहले घर के पूजाघर में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
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एक घी का दीपक जलाएं और जल से स्वयं पर और पूजन सामग्री पर छिड़काव करें।
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फिर श्री सूक्तम का पाठ श्रद्धा और एकाग्रता से करें।
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पाठ के बाद मां लक्ष्मी को कमल पुष्प, मिठाई और तुलसी पत्र अर्पित करें।
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अंत में आरती कर धन, समृद्धि और परिवार की उन्नति की कामना करें।
विशेष सुझाव
यदि हर एकादशी पर श्री सूक्तम का पाठ नियमित रूप से किया जाए, तो न केवल आर्थिक स्थिरता मिलती है, बल्कि घर में सुख-शांति और सौभाग्य भी स्थायी रूप से वास करता है।


