Chhattisgarh Naxal operation : नारायणपुर, छत्तीसगढ़। नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने आज (14 नवंबर 2025) एक बड़ी रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ पुलिस के विशेष बल DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), बस्तर फाइटर, और केंद्रीय अर्धसैनिक बल ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) की संयुक्त टीम ने अभियान चलाते हुए जाटलूर में नक्सलियों द्वारा स्थापित एक भव्य और लंबे समय से उपयोग किए जा रहे स्मारक को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
जनदर्शन: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आमजन की समस्याएँ सुनीं, मौके पर दिए त्वरित समाधान.
नक्सली गतिविधियों का प्रतीक हुआ जमींदोज
यह स्मारक अबूझमाड़ में नक्सली गतिविधियों और उनके प्रभुत्व का एक महत्वपूर्ण प्रतीक था। इसे ध्वस्त करने को क्षेत्र में कानूनी और संवैधानिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
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सफलता की कुंजी: सुरक्षा बलों की सटीक योजना और स्थानीय खुफिया तंत्र का प्रभावी उपयोग।
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रणनीतिक महत्व: इस कार्रवाई से नक्सलियों के मनोबल पर गहरा आघात लगा है, और यह क्षेत्र में सुरक्षा बलों के बढ़ते वर्चस्व को दर्शाता है।
जाटलूर में नया सुरक्षा कैम्प स्थापित: विकास की नई राह
स्मारक को ध्वस्त करने के तुरंत बाद, उसी स्थान पर जाटलूर में एक नया सुरक्षा कैम्प स्थापित कर दिया गया है। यह कैम्प केवल एक सैन्य अड्डा नहीं है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए एक ‘जन सुविधा केंद्र’ के रूप में भी कार्य करेगा।
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एक वर्ष में 16 कैम्प: अधिकारियों ने बताया कि अबूझमाड़ के दुर्गम क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में कुल 16 सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जा चुके हैं।
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कैम्प का दोहरा लक्ष्य:
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नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाना।
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स्थानीय ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और मूलभूत सुविधाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना।
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स्थानीय लोगों को मिलेंगी ये सुविधाएं
जाटलूर का यह नया कैम्प स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करेगा:
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स्वास्थ्य सुविधाएँ: प्राथमिक उपचार और स्वास्थ्य सेवाएं।
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आपातकालीन सहायता: किसी भी संकट की स्थिति में त्वरित मदद।
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संपर्क सुविधा: संचार और संपर्क के साधन।


