पटना। बिहार चुनाव परिणामों के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी ने सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने आधिकारिक पत्र जारी कर कहा कि सिंह की लगातार विवादित और पार्टी-लाइन से हटकर की गई बयानबाजी ने संगठन की छवि को नुकसान पहुँचाया, जिसके कारण यह कदम आवश्यक हो गया।
पार्टी के अनुसार, आरके सिंह पिछले कई दिनों से एनडीए नेतृत्व, गठबंधन के उम्मीदवारों और बिहार सरकार पर खुले मंच से गंभीर आरोप लगा रहे थे, जिसे बार-बार चेतावनी देने के बावजूद नहीं रोका गया।
आरके सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कुछ उम्मीदवारों पर साख को लेकर सवाल उठाए और जनसभाओं में यह तक कहा कि— “ऐसे लोगों को वोट देने से अच्छा है, चुल्लू भर पानी में डूब मरना।”
इस बयान ने न केवल राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी, बल्कि पार्टी के भीतर भी तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की।
भाजपा ने निलंबन के साथ यह स्पष्ट संदेश दिया है कि सार्वजनिक मंचों पर संगठन के खिलाफ बयानबाजी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चुनाव परिणामों के तुरंत बाद की यह कार्रवाई पार्टी की अनुशासन नीति को दर्शाती है तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की कोशिश का संकेत देती है।
बिहार में हाल ही में संपन्न चुनावों के बीच यह फैसला राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में आ गया है और आने वाले दिनों में इसके और भी राजनीतिक प्रभाव दिखाई दे सकते हैं।


