जगदलपुर। बस्तर जिले में सरकारी राशन पाने वाले हजारों परिवारों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगले महीने से जिन हितग्राहियों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है, उन्हें सरकारी राशन नहीं दिया जाएगा। इससे गरीब और ग्रामीण परिवार बड़ी मुश्किल में पड़ सकते हैं।
8.23 लाख लाभार्थियों में से 1.25 लाख अभी भी बाहर
पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के तहत बस्तर जिले में हर महीने लाखों लोग सरकारी अनाज का सहारा लेते हैं।
जिले में कुल 8,23,610 हितग्राही राशन कार्डों में दर्ज हैं। इनमें से—
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6,72,000 लोगों ने ई-केवाईसी पूरा कर लिया है
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जबकि लगभग 1,25,000 लाभार्थी अभी भी प्रक्रिया से बाहर हैं
यानी इतनी बड़ी संख्या में लोग अगले महीने से सरकारी अनाज से वंचित हो सकते हैं।
ई-केवाईसी अनिवार्य, नहीं तो नहीं मिलेगा एक दाना भी राशन
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए बिना—
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राशनकार्ड निष्क्रिय हो जाएगा
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कार्डधारक को किसी भी प्रकार का अनाज नहीं मिलेगा
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डीलर को भी बिना ई-केवाईसी वाले नामों पर वितरण की अनुमति नहीं होगी
यह निर्णय फर्जी राशनकार्ड और गलत ढंग से हो रही आपूर्ति पर नियंत्रण के लिए लिया जा रहा है।
सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे ग्रामीण और गरीब परिवार
विशेष रूप से दूरस्थ गांवों के निवासी, बुजुर्ग और ऐसे लोग जिनके पास मोबाइल OTP या डिजिटल दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं, उनकी परेशानी और बढ़ सकती है।
कई ग्रामीण क्षेत्रों से ई-केवाईसी के लिए—
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लंबी लाइनों
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नेटवर्क की समस्या
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दस्तावेज़ों की कमी
जैसी दिक्कतों की शिकायतें सामने आ रही हैं।
प्रशासन ने की अपील — जल्द पूरा कराएं ई-केवाईसी
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगले महीने से पहले-पहले ई-केवाईसी अनिवार्य रूप से पूरा करा लें, ताकि उन्हें राशन वितरण में कोई परेशानी न हो। इसके लिए पंचायत स्तर पर भी शिविर लगाए जा रहे हैं।


