बिलासपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में सड़कों की खराब हालत पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को जल्द से जल्द सड़कों की मरम्मत करने और इस मामले में लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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नागरिकों की जान बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता
जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने प्रदेश की खराब सड़को के कारण हो रहे हादसों पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि नागरिकों की जान बचाना सरकार और संबंधित विभागों की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। खराब सड़कों के कारण लगातार हो रही मौतें और दुर्घटनाएं चिंताजनक हैं, और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

‘कागजी रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा’
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि वे सिर्फ कागजी रिपोर्ट देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। कोर्ट ने एनएचएआई को विशेष रूप से फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी चुप्पी चिंताजनक है। अधिकारियों को जल्द से जल्द सड़कों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
ब्लैक स्पॉट्स और धूल से हो रहे हादसे
हाईकोर्ट ने अंबिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा (NH-343) और कोरबा-रायपुर (NH-130) जैसे प्रमुख मार्गों की खराब हालत का भी संज्ञान लिया। कोर्ट ने बताया कि इन सड़कों पर बने ब्लैक स्पॉट्स और राख (फ्लाई ऐश) के कारण विजिबिलिटी कम होने से हादसे हो रहे हैं। कोर्ट ने PWD और NHAI को इन समस्याओं का तुरंत समाधान करने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि इस मामले में अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी, और तब तक सड़कों की स्थिति में सुधार दिखना चाहिए। यह फैसला उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो खराब सड़कों के कारण रोज जोखिम भरी यात्रा करते हैं।