रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य की जेलों में बढ़ती भीड़ और कल्याण अधिकारियों की कमी पर गंभीर चिंता जताई है। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार और जेल महानिदेशक को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए।

अदालत ने कहा कि प्रत्येक जिला जेल में वेलफेयर ऑफिसर की नियुक्ति और समय पर अतिरिक्त बैरक का निर्माण बेहद आवश्यक है, ताकि कैदियों को मानक सुविधाएं मिल सकें और भीड़भाड़ की समस्या कम हो।

जेल डीजी ने प्रस्तुत किया शपथपत्र
डीजी, जेल एवं सुधार सेवाएं ने अदालत को शपथपत्र देकर बताया कि 9 सितंबर 2025 तक राज्य की 33 जेलों में 14,883 कैदियों की क्षमता के मुकाबले 21,335 कैदी बंद हैं। भीड़ कम करने के लिए कई जगह अतिरिक्त बैरक का निर्माण जारी है।

हाई कोर्ट के निर्देश
हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार जल्द से जल्द जेलों में रिक्त पदों की भर्ती पूरी करे, प्रत्येक जिला जेल में वेलफेयर ऑफिसर की नियुक्ति सुनिश्चित करे और नई जेलों व बैरकों का निर्माण कार्य तेज करे। साथ ही जेल महानिदेशक को 8 दिसंबर 2025 तक व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा और स्वास्थ्य पर संकट
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ की विभिन्न केंद्रीय और जिला जेलों की कुल क्षमता लगभग 15 हजार कैदियों की है, जबकि इनमें 20,500 से अधिक कैदी बंद हैं। यह स्थिति जेलों में न केवल भीड़भाड़ को बढ़ा रही है, बल्कि कैदियों और जेल प्रशासन दोनों के लिए गंभीर सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ भी उत्पन्न कर रही है।