Chhattisgarh Naxal operation : बीजापुर (छत्तीसगढ़): बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। थाना नैमेड़ पुलिस ने संयुक्त सर्च ऑपरेशन के दौरान 5 सक्रिय माओवादियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से टिफिन बम, कार्डेक्स वायर, डेटोनेटर सहित बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
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गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
नैमेड़ थाना पुलिस को लंबे समय से क्षेत्र में माओवादियों की गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी। इसके बाद एक विशेष टीम बनाकर जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।ऑपरेशन के दौरान पाँच माओवादी संदिग्ध गतिविधियों के साथ पकड़े गए।जांच में पता चला कि पकड़े गए माओवादी आईईडी ब्लास्ट की साजिश रच रहे थे और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे।
बरामद हुआ विस्फोटक सामान
गिरफ्तार माओवादियों के पास से पुलिस ने जो सामग्री जब्त की, उसमें शामिल है—
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टिफिन बम
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कार्डेक्स वायर
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डेटोनेटर
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विस्फोटक सामग्री
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अन्य नक्सली उपयोग के उपकरण
सुरक्षा बलों के अनुसार, यह सामान आतंकी गतिविधियों और सुरक्षाबलों पर हमले के लिए तैयार किया गया था। पुलिस फिलहाल बरामद सामग्री की तकनीकी जांच कर रही है।
माओवादियों के खिलाफ लगातार अभियान
छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बल लगातार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में अभियान चलाए हुए हैं। गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी उपलब्धि मान रही है, क्योंकि इससे आगामी हमलों की कई योजनाओं को रोका जा सकता है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने सुकमा में किया पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण
इधर, माओवादी गतिविधियों के समाधान और पुनर्वास को लेकर भी सरकार गंभीर है।22 नवंबर को छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने सुकमा स्थित पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया।इस दौरान उन्होंने हाल ही में सरेंडर किए हुए नक्सलियों से मुलाकात की और उनके लिए कई सुविधाएँ जल्द उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए—
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आधार कार्ड, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड जल्द से जल्द बनवाए जाएँ
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स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल कैंप आयोजित किया जाए
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प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत किया जाए
गृह मंत्री ने युवाओं के साथ चौपाल लगाकर उनकी समस्याएँ सुनीं और मुख्यधारा में लौटने के प्रयासों की सराहना की।
पुलिस और सरकार का दोहरा प्रयास
बीजापुर में हुई गिरफ्तारी और सुकमा में पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण—दोनों घटनाएँ इस बात का संकेत हैं कि राज्य सरकार और सुरक्षा बल दोतरफा रणनीति पर काम कर रहे हैं:
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एक ओर सक्रिय माओवादियों पर सख्त शिकंजा
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दूसरी ओर सरेंडर करने वाले युवाओं का पुनर्वास और समर्थन
यह रणनीति नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने की दिशा में मजबूत कदम मानी जा रही है।


