जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में हुए बड़े बदलावों ने जहां एक ओर आम आदमी को कुछ राहत दी है, वहीं कुछ शौकिया गतिविधियों पर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया है। सरकार ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के मैचों को “लग्जरी” और “प्रीमियम” कैटेगरी में रखकर उस पर लगने वाले जीएसटी को 28% से बढ़ाकर सीधा 40% कर दिया है, जिससे अब स्टेडियम में बैठकर मैच देखना काफी महंगा हो जाएगा।

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IPL टिकटों पर 40% GST का असर

आईपीएल को सरकार ने कैसीनो, रेस क्लब और तंबाकू जैसे “सिन गुड्स” के साथ 40% के नए उच्चतम टैक्स स्लैब में रखा है। इसका सीधा मतलब है कि अब आईपीएल टिकट की कीमत में बड़ा उछाल आएगा।
- उदाहरण के लिए: अगर किसी आईपीएल टिकट की कीमत पहले 1,000 रुपये थी, तो 28% जीएसटी के बाद वह 1,280 रुपये में मिलता था। अब 40% जीएसटी लगने के बाद उसी टिकट की कीमत 1,400 रुपये हो जाएगी। यानी हर 1,000 रुपये पर 120 रुपये का अतिरिक्त टैक्स।
- इसी तरह, 2,000 रुपये का टिकट जो पहले 2,560 रुपये में मिलता था, अब 2,800 रुपये में मिलेगा।
आम क्रिकेट मैचों पर नहीं बढ़ा टैक्स
हालांकि, यह 40% का टैक्स केवल आईपीएल जैसे ‘प्रीमियम खेल आयोजनों’ पर लागू होगा। भारत और ऑस्ट्रेलिया या भारत और इंग्लैंड जैसे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट या वनडे मैचों के टिकट पर अभी भी 18% जीएसटी ही लगेगा। यह आम क्रिकेट प्रेमियों के लिए थोड़ी राहत की बात है।
क्या सस्ता, क्या महंगा? GST के बड़े बदलाव
सस्ता हुआ:
- टीवी, फ्रिज, एसी: 32 इंच से बड़े टीवी, फ्रिज, एसी और वॉशिंग मशीन पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो गया है।
- छोटी कारें और बाइक: छोटी कारों और बाइक पर जीएसटी 28% से 18% कर दिया गया है।
- सिनेमा टिकट: 100 रुपये से कम कीमत वाले सिनेमा टिकटों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे मूवी देखना सस्ता हो गया है।
- स्वास्थ्य और जीवन बीमा: बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी को पूरी तरह से हटा दिया गया है, जिससे प्रीमियम कम होगा।
महंगा हुआ:
- IPL टिकट: जैसा कि ऊपर बताया गया है, आईपीएल टिकट पर जीएसटी 28% से बढ़कर 40% हो गया है।
- लग्जरी सामान और सर्विसेज: लग्जरी कारों, ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और रेस क्लब पर 40% का नया टैक्स स्लैब लगाया गया है।
- तंबाकू उत्पाद: सिगरेट, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों को भी 40% के उच्चतम टैक्स स्लैब में रखा गया है।
सरकार के इन फैसलों को विशेषज्ञों ने अर्थव्यवस्था को गति देने और कुछ खास सेक्टरों में खपत बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा है। हालांकि, आईपीएल के दीवानों के लिए यह खबर निराशाजनक साबित हुई