IndiGo Flight Cancellation , नई दिल्ली। IndiGo Crisis लगातार सातवें दिन भी जारी है और यात्रियों का परेशान होना थमने का नाम नहीं ले रहा। केंद्र सरकार द्वारा जारी चेतावनी और नोटिस के बावजूद देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो अपनी उड़ान सेवाओं को सामान्य नहीं कर पा रही है। सोमवार सुबह 10 बजे तक 350 से अधिक फ्लाइटें रद्द की जा चुकी थीं, जिससे दिल्ली, श्रीनगर, हैदराबाद और बेंगलुरु सहित कई बड़े एयरपोर्टों पर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
IndiGo Flight Cancellation : 350 से अधिक फ्लाइटें ठप: देशभर के एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल

पिछले एक हफ्ते से जारी इस संकट ने यात्रियों की यात्रा योजनाओं को अस्त-व्यस्त कर दिया है। हजारों लोग एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं, जहां लंबी कतारें, टिकट री-शेड्यूलिंग की परेशानी और अतिरिक्त खर्च से यात्री बेहद नाराज हैं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरलाइन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि इंडिगो ने यात्रियों को ‘टॉर्चर’ करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
सरकारी नोटिस के बाद उम्मीद थी कि एयरलाइन अपने ऑपरेशंस को तेजी से सामान्य करेगी, लेकिन स्थिति में खास सुधार नहीं दिखा। विमानन मंत्रालय ने इंडिगो से तत्काल रिपोर्ट मांगी है और उड़ानों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट कार्ययोजना भी तलब की है, लेकिन अभी तक एयरलाइन द्वारा कोई ठोस सुधार नजर नहीं आया है।

हालांकि इंडिगो प्रबंधन का कहना है कि उनकी टीम लगातार स्थिति को सामान्य करने में लगी हुई है। एयरलाइन का दावा है कि अगले 72 घंटों (3 दिन) में परिचालन व्यवस्था में सुधार हो जाएगा और काफी हद तक उड़ानें नियमित हो जाएंगी। लेकिन यात्रियों का कहना है कि पिछले सात दिनों से भी इसी तरह के दावे किए जा रहे हैं, जबकि जमीनी हालात बिल्कुल उलट हैं।
एयरलाइन संकट की वजह क्रू की कमी बताई जा रही है। बड़ी संख्या में पायलटों और केबिन क्रू के अचानक छुट्टी पर जाने से उड़ान संचालन प्रभावित हो रहा है। इस कारण शेड्यूलिंग बिगड़ने के बाद रोजाना सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं।

इस बीच, यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें बुक करने में भी बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि अन्य एयरलाइनों के किराये अचानक बढ़ गए हैं। कई रूटों में सामान्य किराए की तुलना में दोगुना तक भुगतान करना पड़ रहा है।


