हिमाचल प्रदेश में बीते महीने मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश ने राज्य के अनेक हिस्सों में कहर बरपा दिया है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मौसम संबंधी घटनाओं में राज्य में अब तक 78 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 50 लोगों की मौत बारिश से संबंधित है। मानसून के कारण मौतों का आंकड़ा बढ़ने के कारण हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक सुविधाएं अभी भी बाधित हैं। आइए जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश में मौसम को लेकर अब तक क्या अपडेट सामने आए हैं।

क्यों बढ़ रही हैं मौतें?
हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दौरान मौसम संबंधी घटनाओं के कारण मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता चला जा रहा है। भारी बारिश के कारण राज्य के अनेक हिस्सों में अचानक बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन आदि से लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा लोगों की मौत मंडी में हुई है, जहां बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की 10 घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 20 जून को दस्तक दी थी। इसके बाद से बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं लगातार देखने को मिल रही हैं।
मंडी की सांसद कंगना क्या बोलीं?
हिमाचल प्रदेश के मंडी में मची तबाही पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा- “मंडी पर बहुत संकट आया है, बादल फटे हैं, कई जगह जलभराव हो गया है, संपर्क टूट गया है। सिराज, थुनाग के इलाकों में संपर्क टूट गया है लेकिन प्रशासन कड़ी नजर रख रहा है, प्रभावित लोगों के लिए राहत, बचाव के काम जारी है… हमारी टीम हर जगह पहुंची हुई है… सिराज, करसोग में भी नुकसान हुआ है और नाचन में भी कुछ इलाके प्रभावित हुए हैं, हम इन इलाकों का दौरा करेंगे।”

मंडी में 31 लापता लोगों की तलाश जारी
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन, जलभराव आदि की वजह से सार्वजनिक परिवहन को भी काफी नुकसान पहुंचा है। राज्य में सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं। लोगों को जल स्रोतों और संवेदनशील इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है। मंडी में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की 10 घटनाओं में सबसे ज्यादा तबाही हुई थी। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं। वहीं, 31 लापता लोगों की तलाश जारी है। तलाश अभियान में खोजी कुत्तों व आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।