रायपुर (छत्तीसगढ़)। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी () ने छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों और उनके शहरी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक बड़ी कार्रवाई की है। हालिया जानकारी के अनुसार, ने कांकेर जिले से (माओवादी) संगठन से जुड़े चार सहयोगियों (Over Ground Workers – OGWs) को गिरफ्तार किया है।

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इन गिरफ्तारियों के साथ ही ने टेरर फंडिंग और माओवादियों को लॉजिस्टिक्स (रसद) पहुँचाने वाले तंत्र पर अपनी जाँच तेज कर दी है।

किन आरोपों में हुई गिरफ्तारी?
के सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी प्रतिबंधित (माओवादी) के हार्डकोर सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम कर रहे थे। इन पर मुख्य रूप से निम्नलिखित आरोप हैं:
- विस्फोटक और डेटोनेटर आपूर्ति: माओवादियों को बम बनाने की सामग्री और अन्य विस्फोटक सामग्री उपलब्ध कराना।
- आश्रय और लॉजिस्टिक्स: नक्सली कैडरों के लिए सुरक्षित ठिकाने और भोजन जैसी अन्य रसद सहायता की व्यवस्था करना।
- संगठन का प्रचार: जैसे फ्रंटल संगठनों के माध्यम से नक्सली एजेंडा का प्रचार करना और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए फंड वितरित करना।
शहरी नेटवर्क पर शिकंजा
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब सुरक्षा बल बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ताबड़तोड़ ऑपरेशन चला रहे हैं। की जाँच अब मुख्य रूप से माओवादियों के वित्तीय और शहरी नेटवर्क पर केंद्रित है।
जाँच एजेंसी ने पहले भी नक्सल फंडिंग से जुड़े कई नेताओं और अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ के आधार पर यह ताजा कार्रवाई की गई है। ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से कई आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों को (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत बिलासपुर स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया गया है, जहाँ से उन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जा सकता है। का यह एक्शन छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को उखाड़ फेंकने की सरकारी रणनीति का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।