खैरागढ़ : बिजली सुधारने के लिए खंभे पर चढ़े युवक की करंट लगने से नीचे गिरकर मौत हो गई. इस घटना पर विभागीय अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ लिया. लेकिन बार-बार हो रही इस तरह की घटना विभागीय कार्यशैली पर खड़े कर रही है.
घटना जालबांधा थाना क्षेत्र के ग्राम राहुद की है, जहां विद्युत विभाग के ठेकेदार के लिए काम करने वाला 38 वर्षीय नरेश वर्मा गांव के एक घर के गुल बिजली को ठीक करने के लिए बिना किसी सुरक्षा उपाय के बिजली के खंभे पर चढ़ा. अचानक करंट लगते ही वह धड़ाम से नीचे गिर गया. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे तुरंत खैरागढ़ सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं.
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घटना के बाद हमेशा की तरह विद्युत विभाग ने हाथ झाड़ लिए. कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार द्विवेदी ने सफाई दी कि नरेश ठेका कर्मचारी था और जालबांधा वितरण कंपनी में कार्यरत था. राहुद में वह अपना “निजी काम” कर रहा था, जिसकी जानकारी विभाग को नहीं थी.
पहले भी जा चुकी हैं जानें
यह पहली बार नहीं है जब बिजली के खंभे पर चढ़ा कोई कर्मचारी मौत का शिकार हुआ हो. कुछ महीने पहले खैरागढ़ न्यायालय के सामने संतोष मंडावी नाम के कर्मचारी की भी करंट लगने से मौत हुई थी. तब भी न सुरक्षा उपकरण थे, न ही बिजली सप्लाई बंद की गई थी.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विभागीय अधिकारी मौके पर मौजूद थे, फिर भी संतोष बिना सुरक्षा के खंभे पर चढ़ा और उसकी जान चली गई. घटना के बाद विभाग ने मौत की वजह “ऊंचाई से गिरना” बताई, ताकि लापरवाही का ठीकरा खुद पर न फूटे. अब पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है.
नहीं आया कार्यप्रणाली में बदलाव
बार-बार हो रही मौतों के बावजूद विद्युत विभाग और ठेका कंपनियों की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं आया. बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के कर्मचारी मौत के मुंह में धकेले जा रहे हैं. विभाग और ठेका कंपनियों की मिलीभगत के चलते हादसे बढ़ रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती हो रही है. सवाल यह है कि आखिर लापरवाही की यह चिंगारी कब तक लोगों की जिंदगियां जलाती रहेगी?