Religious beliefs Sleeping habits : सोते समय हर व्यक्ति की अपनी आदतें होती हैं—कोई सीधा सोता है, कोई करवट लेकर, जबकि कई लोग अनजाने में पैर पर पैर चढ़ाकर सोने की मुद्रा अपना लेते हैं। पहली नज़र में यह सामान्य दिखाई देता है, लेकिन हिंदू धर्म, प्राचीन शास्त्रों, वास्तु और ज्योतिषीय मत के अनुसार यह आदत शुभ नहीं मानी गई है। माना जाता है कि इस मुद्रा से ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है, स्वास्थ्य प्रभावित होता है और मन की स्थिरता कम होती है।
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आएँ जानें इस आदत के पीछे छिपे धार्मिक, ऊर्जात्मक और ज्योतिषीय संकेत।
धार्मिक मान्यता: पैरों का स्थान और ऊर्जा पर असर
हिंदू धर्म में पैरों को शरीर का सबसे निम्न और अशुद्ध भाग माना गया है। इसलिए किसी पवित्र वस्तु या देव-स्थल की ओर पैरों का फैलाना वर्जित माना गया है।उसी प्रकार पैर पर पैर रखकर लेटना या सोना शरीर की जीवन शक्ति को नीचे दबाने का संकेत माना जाता है।
धार्मिक मत के अनुसार इसके दुष्प्रभाव:
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सौभाग्य में कमी
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मानसिक अस्थिरता
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जीवन ऊर्जा का अवरोध
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आध्यात्मिक प्रगति में बाधा
कई धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि सोते समय शरीर की मुद्रा का सीधा प्रभाव मन और ऊर्जा पर पड़ता है।
ज्योतिषीय दृष्टि: ग्रहों पर क्यों पड़ता है प्रभाव?
ज्योतिष शास्त्र में सोने की मुद्रा को व्यक्ति के स्वभाव, मन, स्वास्थ्य और भाग्य से जोड़ा जाता है।पैर पर पैर रखकर सोना विशेषकर ग्रहों के शनि और राहु को सक्रिय करता है, जो बाधा, आलस्य और मानसिक उथल-पुथल का सूचक है।
ज्योतिषीय संकेतों के अनुसार:
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शनि का प्रभाव बढ़ता है, जिससे कार्य बाधित हो सकते हैं।
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राहु ऊर्जा विक्षेपित करता है, जिससे नींद बेचैन हो सकती है।
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मन अशांत रहता है और सोचने-समझने की क्षमता कमजोर पड़ सकती है।
ज्योतिषीय मत यह भी कहता है कि इस मुद्रा से व्यक्ति में चिड़चिड़ापन और नकारात्मक विचार बढ़ते हैं।
वास्तु शास्त्र: ऊर्जा प्रवाह क्यों रुकता है?
वास्तु में शरीर को ऊर्जा का स्तंभ माना गया है। जब पैर एक-दूसरे पर चढ़ जाते हैं, तो प्राण ऊर्जा (Life Force) का प्रवाह नीचे की ओर दब जाता है और चैनल अवरुद्ध हो जाते हैं।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार:
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यह मुद्रा नींद की गुणवत्ता को बिगाड़ती है
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शरीर की ऑक्सीजन और रक्त-परिसंचरण पर असर डालती है
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क्रोध और तनाव बढ़ सकता है
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शरीर भारी और थका हुआ महसूस होता है
इससे लगातार नींद टूटने या उठते समय सुस्ती महसूस होने की संभावना रहती है।
आयुर्वेद: शरीर पर पड़ता है कैसा असर?
आयुर्वेद के अनुसार पैरों का क्रॉस होना शरीर के वात दोष को बढ़ाता है। इससे व्यक्ति बेचैन, चिंतित और थका हुआ महसूस कर सकता है।
आयुर्वेदिक प्रभाव:
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रक्त प्रवाह (Blood Circulation) कम होता है
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नसों पर दबाव बढ़ता है
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कमर और कूल्हों में खिंचाव
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आगे चलकर Varicose Veins की संभावना
इस मुद्रा में लंबे समय तक सोना शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकता है।


