रायपुर: छत्तीसगढ़ के चर्चित 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उन्हें आज रायपुर की एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उनकी न्यायिक रिमांड को 15 सितंबर तक बढ़ा दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उनकी रिमांड की अवधि बढ़ाई गई है।

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ईडी ने लगाए ये आरोप ईडी के अनुसार, चैतन्य बघेल पर 16.70 करोड़ रुपये की अवैध कमाई को रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश करने का आरोप है। ईडी ने दावा किया है कि इस राशि का इस्तेमाल उन्होंने फर्जी बैंक एंट्री और ठेकेदारों को नकद भुगतान के माध्यम से किया। इसके अलावा, उन पर अपने सहयोगी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर 5 करोड़ रुपये के फर्जी फ्लैट खरीदने का भी आरोप है।

जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि चैतन्य बघेल ने इस सिंडिकेट से 1000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया। ईडी का आरोप है कि 2019 से 2023 के बीच छत्तीसगढ़ में शराब का पूरा कारोबार एक राजनीतिक ताकत द्वारा संचालित जबरन वसूली का रैकेट था।
अगली सुनवाई और संभावित चालान चैतन्य बघेल को पहले भी इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है और उनकी रिमांड कई बार बढ़ाई गई है। आज की पेशी के बाद अदालत ने उन्हें 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, इसी तारीख को एजेंसी चैतन्य बघेल के खिलाफ एक नया चालान भी पेश कर सकती है, जिसमें और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बेटे की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है। वहीं, जांच एजेंसियां इस मामले में गहराई से जांच कर रही हैं और इसमें शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही हैं।