Sonakhan gold mine, बलौदाबाजार, 10 नवंबर। छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नया स्वर्ण अध्याय जुड़ गया है। जिले के सोनाखान क्षेत्र के बाघमाड़ा जंगलों में राज्य की पहली सोने की खान की आधिकारिक खुदाई शुरू हो चुकी है। यह कदम न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि मध्य भारत के औद्योगिक मानचित्र पर भी छत्तीसगढ़ की एक मजबूत पहचान स्थापित करेगा।
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500 किलो सोने के उत्पादन का अनुमान
प्रारंभिक आकलनों के अनुसार, इस खान से करीब 500 किलो सोना निकाले जाने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि आगे चलकर यह मात्रा और भी बढ़ सकती है। इससे प्रदेश की राजस्व वृद्धि, निवेश आकर्षण और रोजगार सृजन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।
वेदांता ग्रुप को मिला प्रोजेक्ट
इस परियोजना के लिए आयोजित नीलामी में वेदांता ग्रुप ने सबसे अधिक बोली लगाई थी। राज्य सरकार की अनुमति और पर्यावरणीय मंजूरी मिलने के बाद अब यहां खुदाई का कार्य तेज़ी से जारी है।पहले हुए जियो-टेक्निकल और भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षणों में इस क्षेत्र में सोने के भंडार के संकेत मिले थे, जिसके बाद विस्तृत अध्ययन कर खनन प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू किया गया।
आधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों का उपयोग
खनन कार्य में अत्याधुनिक मशीनों और पर्यावरणीय सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस परियोजना के दौरान स्थानीय समुदायों के हितों, वन संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा
सोनाखान में सोने की खान की शुरुआत को छत्तीसगढ़ के औद्योगिक और आर्थिक विकास का नया अध्याय माना जा रहा है।
इससे राज्य में:
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नए औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा
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रोजगार के अवसर पैदा होंगे
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और खनन क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे।
राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल “आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम” है। आने वाले वर्षों में सोनाखान खदान प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण खनिज केंद्रों में से एक बन सकता है।


