रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। मंगलवार को रायपुर में आयोजित राज्य सैनिक बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि युद्ध या सैनिक कार्यवाही में शहीद हुए जवानों की पत्नियों या आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर सीधे 50 लाख रुपये कर दिया गया है।

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यह कदम न केवल शहीद जवानों के बलिदान का सम्मान है, बल्कि उनके पीछे रह गए परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।
वीरता पुरस्कारों की राशि में भी भारी बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री साय ने सिर्फ शहीद जवानों के लिए ही नहीं, बल्कि विभिन्न वीरता अलंकरण प्राप्त करने वाले वीर सैनिकों को दी जाने वाली राशि में भी अभूतपूर्व वृद्धि की घोषणा की है।
- परमवीर चक्र: देश के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले जवानों को अब 40 लाख रुपये की जगह 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
- अशोक चक्र: इस सम्मान के विजेताओं को मिलने वाली राशि 30 लाख से बढ़ाकर 80 लाख रुपये कर दी गई है।
- महावीर चक्र: महावीर चक्र विजेताओं को अब 20 लाख के बजाय 60 लाख रुपये मिलेंगे।
- कीर्ति चक्र: कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले जवानों को 15 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी।
- वीर चक्र: वीर चक्र विजेताओं को 10 लाख के बजाय 40 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
- शौर्य चक्र: शौर्य चक्र के लिए राशि 7 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई है।
- सेना मेडल (वीरता): सेना मेडल (वीरता) पाने वाले सैनिकों को अब 2 लाख की जगह 25 लाख रुपये दिए जाएंगे।
- युद्ध सेवा मेडल: इस सम्मान के विजेताओं को 2 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये की राशि मिलेगी।
- मेंशन इन डिस्पैच: इसके लिए राशि 2 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।
सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में इन बड़े फैसलों के अलावा सैनिकों के कल्याण के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।
- शहीद सैनिकों के माता-पिता को मिलने वाली मासिक वित्तीय सहायता को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है।
- विकलांग सैनिकों (इम्युनिटी विकलांगता) को दी जाने वाली मासिक सहायता राशि भी बढ़ाई गई है।
- भूतपूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को छत्तीसगढ़ राज्य में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए विशेष उपाय किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इन फैसलों से छत्तीसगढ़ सरकार देश की रक्षा में लगे सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करती है। उन्होंने कहा कि सैनिकों का सम्मान और उनका कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। यह निर्णय राज्य में सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन में बड़ा सकारात्मक बदलाव लाएगा।