Vidhan Sabha Session , रायपुर : आगामी शीतकालीन विधानसभा सत्र को देखते हुए छत्तीसगढ़ प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। सत्र से संबंधित कार्यवाही को समय पर पूरा करने और विधायकों के सवालों का जवाब सुनिश्चित करने के लिए, शनिवार और रविवार की साप्ताहिक छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। यह फैसला सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को तेजी से काम करने के निर्देश के साथ लिया गया है, ताकि सदन में पूछे गए 600 से अधिक सवालों का जवाब नियत समय-सीमा में तैयार किया जा सके।

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कामकाज निपटाने के लिए दबाव
रायपुर से मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है (संभावित रूप से 14 दिसंबर से)। यह सत्र छोटा लेकिन बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिसमें विपक्ष सरकार से तीखे सवाल पूछता है।
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सवालों की संख्या: इस सत्र के लिए विधायकों ने 628 से अधिक सवाल लगाए हैं, जिनका जवाब संबंधित विभागों को निर्धारित समय में तैयार करके देना है।
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प्रशासनिक चुनौती: इतने कम समय में बड़ी संख्या में सवालों से संबंधित डेटा जुटाना, रिपोर्ट तैयार करना और जवाब को अंतिम रूप देना एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती है। इसी चुनौती को देखते हुए, विभिन्न विभागों के प्रमुखों को सत्र से जुड़े काम की प्राथमिकता तय करने को कहा गया है।
छुट्टी रद्द करने का आधिकारिक निर्देश
विधानसभा सत्र के मद्देनजर, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से शनिवार और रविवार को भी सरकारी दफ्तरों को खुला रखने का आदेश दिया है। सत्यपाल सिंह राजपूत (संबंधित रिपोर्टर, रायपुर) की अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि विभाग से संबंधित सभी सवालों के जवाब समय सीमा के अंदर और पूरी सटीकता के साथ विधानसभा में प्रस्तुत किए जाएं।
इस आदेश से राज्य के सरकारी कर्मचारियों का वीकेंड अवकाश समाप्त हो गया है। माना जा रहा है कि यह कदम कार्य संस्कृति में तेजी लाने और सत्र की सफलता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान एक भी सवाल का जवाब अधूरा नहीं रहना चाहिए।
कर्मचारियों पर बढ़ा काम का बोझ
सरकारी कर्मचारियों के बीच इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया है। जहां कुछ कर्मचारी इसे राष्ट्रीय और शासकीय कर्तव्य का हिस्सा मान रहे हैं, वहीं कई कर्मचारी अपने साप्ताहिक आराम के अधिकार के हनन के तौर पर देख रहे हैं, खासकर उन जिलों में जहां पहले से ही पांच-दिवसीय कार्य-संस्कृति (Five-Day Work Culture) को खत्म करने की चर्चा चल रही है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि विधानसभा सत्र खत्म होने तक सरकारी मशीनरी पूरी तत्परता से काम करेगी।


