कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की खदान से जुड़े विवाद में नीलकंठ कंपनी का नाम फिर से विवादों में आ गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने विरोध की आवाज़ दबाने के लिए महिला बाउंसरों को मैदान में उतारा है।

ग्रामीणों का कहना है कि महिला बाउंसरों ने शांतिपूर्ण विरोध कर रहे लोगों से अभद्र व्यवहार किया और धक्का-मुक्की कर डराने की कोशिश की। खासतौर पर ग्रामीण महिलाओं को दबाव में लाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि वे पहले से ही भूमि अधिग्रहण, मुआवजा और रोजगार जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। अब महिला बाउंसरों के जरिए कंपनी उन पर और दबाव बना रही है। इससे क्षेत्र में तनाव का माहौल गहराता जा रहा है।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि नीलकंठ कंपनी प्रशासन और स्थानीय पुलिस की अनदेखी का फायदा उठाकर दबंगई दिखा रही है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन मामले में हस्तक्षेप कर उनकी समस्याओं का समाधान करे और इस तरह की दबावपूर्ण रणनीति पर रोक लगाए।