नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कार्यस्थल पर वरिष्ठ की ओर से डांट-फटकार को जानबूझकर किया गया अपमान नहीं माना जा सकता जिसमें आपराधिक कार्यवाही की जरूरत हो। साथ ही कहा कि ऐसे मामलों में व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाने की अनुमति देने के नतीजे बुरे साबित हो सकते हैं इससे कार्यस्थल पर आवश्यक अनुशासनात्मक माहौल बिगड़ सकता है।