आयरन एक ऐसा मिनरल है जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। यह हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है, जो हमारे खून में ऑक्सीजन को शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक ले जाता है। जब हमारे शरीर में आयरन की कमी होती है, तो हमें कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। आयरन की कमी से सबसे ज्यादा होने वाली समस्या एनीमिया है, लेकिन इसके अलावा भी कई और बीमारियां हो सकती हैं। इस आर्टिकल में हम आयरन की कमी के कारण, लक्षण और इससे बचने के तरीकों के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे। आइए जानें।
आयरन की कमी के कारण
आयरन की कमी कई कारणों से हो सकती है। सबसे पहले, यह डाइट में आयरन की अपर्याप्त मात्रा के कारण हो सकता है। खासतौर से वेजिटेरियन लोगों में आयरन की कमी ज्यादा देखी जाती है, क्योंकि प्लांट बेस्ड फूड में आयरन की मात्रा कम होती है और यह शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित नहीं होता। दूसरा, महिलाओं में पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण भी आयरन की कमी हो सकती है। गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान भी महिलाओं को ज्यादा आयरन की जरूरी होती है, और इसकी कमी से समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, पेट या आंतों में अल्सर, बवासीर, या कैंसर जैसी बीमारियों के कारण भी ब्लीडिंग हो सकती है, जो आयरन की कमी का कारण बन सकती है।
आयरन की कमी के लक्षण
आयरन की कमी के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है, ताकि समय रहते इसे ठीक किया जा सके। आइए जानें।
- थकान और कमजोरी: आयरन की कमी से शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति को लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है।
- त्वचा का पीला पड़ना: आयरन की कमी से त्वचा और नाखूनों का रंग पीला या फीका पड़ सकता है।
- सांस लेने में तकलीफ: शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान।
- सिरदर्द और चक्कर आना: आयरन की कमी से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिसके कारण सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
- दिल की धड़कन का तेज होना: शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो सकती है।
- बालों का झड़ना: आयरन की कमी से बालों के रोम छिद्र कमजोर हो जाते हैं, जिसके कारण बाल झड़ने लगते हैं।
आयरन की कमी से होने वाली गंभीर बीमारियां
आयरन की कमी के कारण न केवल एनीमिया हो सकता है, बल्कि यह कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। आइए जानें।
- हार्ट से जुड़ी समस्याएं: आयरन की कमी से हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिसके कारण हृदय संबंधी समस्याएं जैसे हार्ट फेलियर या अनियमित दिल की धड़कन हो सकती हैं।
- प्रेग्नेंसी में कॉम्प्लिकेशन्स: गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी से समय से पहले डिलीवरी, कम वजन के शिशु का जन्म, या शिशु में विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- इम्यून सिस्टम का कमजोर होना: आयरन की कमी से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिसके कारण संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- मेंटल हेल्थ पर असर: आयरन की कमी से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता, जिसके कारण डिप्रेशन, चिंता, और एकाग्रता में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
आयरन की कमी से बचाव के तरीके
आयरन की कमी से बचाव के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं। आइए जानें।
- बैलेंस डाइट: आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। मांस, मछली, अंडे, हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, और सूखे मेवे आयरन के अच्छे स्रोत हैं। विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे संतरा, नींबू, और टमाटर आयरन के अवशोषण को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- आयरन सप्लीमेंट: अगर डाइट से पर्याप्त आयरन नहीं मिल पा रहा है, तो डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट लिया जा सकता है। हालांकि, इन सप्लीमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए।
- रेगुलर टेस्ट: नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाकर आयरन के स्तर की निगरानी करें। इससे आयरन की कमी का पता समय रहते लगाया जा सकता है।
- ब्लीडिंग को कंट्रोल करें: अगर आपको ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या है, तो इसका ट्रीटमेंट लें। पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- प्रेग्नेंसी में खास ख्याल: गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में आयरन रिच फूड्स को शामिल करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट लेने चाहिए।