रायपुर: नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर मीनल चौबे ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किए हैं कि नगर निगम रायपुर के राजस्व के लिए काम करें मगर आम जनता परेशान ना हो. राजस्व से संबंधित जो भी नियम हों पहले जनता को उनसे अवगत कराए तत्पश्चात ही अर्थदंड की कार्यवाही करें.

सारे काम पारदर्शिता के साथ होने चाहिए.नियम क़ानून स्पष्ट हो.और जनता की जानकारी में हो.बावजूद इसके नियम का पालन ना हो तब कार्यवाही सुनिश्चित हो.नगर निगम जनता के सहयोग से ही शहर को सुंदर और व्यवस्थित करना चाहती है.नगर निगम का उद्देश्य जनहित में काम करना है. नगर पालिक निगम रायपुर के नगर निवेश विभाग द्वारा जारीनिर्देश के अनुसार सम्पूर्ण निगम सीमा क्षेत्र में विज्ञापन की नीति है कि बिना लिखित अनुमति से नगर निगम सीमा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक निजी संपत्ति, दीवार, वाहन, ढांचे आदि पर कोई भी प्रचार सामग्री नहीं लगा सकता केवल पंजीकृत विज्ञापन एजेंसियों को ही इसकी अनुमति नियमानुसार दी जाती है। निजी संपत्ति पर लाईसेंस की अवधि एक वर्ष होती है। सार्वजनिक संपत्ति पर टेण्डर के नियमो के अनुसार लाईसेंस अवधि होती है। अस्थायी विज्ञापन हेतु एक माह की अवधि होती है। जिसमें मासिक नवीनीकरण संभव है। वहीं निजी संपत्ति पर एक वर्ष की लाईसेंस अवधि नवीनीकरण योग्य होती है।
नगर निगम रायपुर के नगर निवेश विभाग द्वारा स्पष्ट किया गया है कि अनाधिकृत प्रचार पर 50 हजार रू. से 1 लाख रू. तक का जुर्माना करने, 10 हजार रू. तक का हटाने का शुल्क अवैध विज्ञापन पर मूल शुल्क का दो गुना तक दण्ड वसूलने 15 दिनो में सुधार ना करने पर बिना नोटिस के अवैध विज्ञापन हटाये जाने, वाहन जप्ती एफआईआर, काली सूची में डालने की कार्यवाही इसमें संभव है। विज्ञापन शुल्क समय पर जमा ना करने की स्थिति में संबंधित राशि को संपत्तिकर में जोड दिया जायेगा आवश्यकता पडने पर संपत्ति सील करने की कार्यवाही भी की जा सकती है। अतः आम जनता से आग्रह है कि नियमों का पालन करें और कार्यवाही से बचें.
