Ramvichar Netam , रायपुर : छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर राज्य की राजनीति में योजनाओं को लेकर बड़ा टकराव सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सरकार पर 17 महत्वपूर्ण जनहितकारी योजनाओं को दुर्भावनापूर्ण ढंग से बंद करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिस पर भाजपा के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने तीखा पलटवार किया है।
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मंत्री नेताम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार की योजनाएं केवल कागजी घोड़े दौड़ाने और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं व बिचौलियों को लाभ पहुँचाने के लिए चलाई जा रही थीं, इसलिए मौजूदा सरकार ने उन्हें बंद करने का साहसिक निर्णय लिया है।
कांग्रेस का दावा: बंद हुईं 17 योजनाएं, जनता को हुआ नुकसान
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आज प्रेस वार्ता में कहा कि विष्णुदेव साय सरकार ने अपनी गारंटियों को पूरा करने के बजाय, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई उन योजनाओं को बंद कर दिया है, जिनसे सीधे जनता को लाभ मिल रहा था। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बंद की गई योजनाओं में प्रमुख हैं:
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बेरोजगारी भत्ता योजना
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गोधन न्याय योजना (गोबर खरीदी)
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राजीव मितान योजना
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बिजली बिल हाफ योजना (400 यूनिट तक)
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मुख्यमंत्री बाल उदय योजना
बैज ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने इन योजनाओं के माध्यम से जनता के खाते में 1,75,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डाली थी। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि ये योजनाएं अनुपयोगी थीं, तो जनता को इतना बड़ा लाभ कैसे मिला?
मंत्री नेताम का पलटवार: “क्या हम कांग्रेसियों को पालें-पोसें?”
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री रामविचार नेताम ने पूर्ववर्ती सरकार के इरादों पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो योजनाएं राज्य के विकास और आम जनता के व्यापक हित में नहीं थीं, उन्हें समीक्षा के बाद बंद करना आवश्यक था।
मंत्री नेताम ने ‘राजीव मितान योजना’ पर विशेष टिप्पणी करते हुए कहा:
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि गौठान योजना में भी बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं थीं, जिसमें गोबर खरीदी से ज्यादा खर्च ‘पैरा ढुलाई’ पर दिखाया गया था।
साय सरकार का फोकस: गारंटी पूरी करना और बदलाव
मंत्री नेताम ने साय सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि नई सरकार किसानों, महिलाओं और गरीबों से किए गए अपने वादों को पूरा कर रही है। उन्होंने ‘महतारी वंदन योजना’, ‘कृषक उन्नति योजना’ (राजीव गांधी किसान न्याय योजना का बदला हुआ नाम) और ‘रामलला दर्शन योजना’ जैसी पहलों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उन योजनाओं को पुनर्जीवित किया है, जिन्हें कांग्रेस ने दुर्भावना से बंद कर दिया था, जैसे कि मीसा बंदियों को पेंशन और अटल विहार योजना के तहत आवास परियोजनाएं। नेताम ने स्पष्ट किया कि विष्णुदेव साय सरकार का लक्ष्य भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देना है और इसलिए अव्यवहारिक या भ्रष्टाचार से भरी योजनाओं को बंद करना राज्यहित में था।
इस बयानबाजी से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में पुरानी बनाम नई योजनाएं और भ्रष्टाचार बनाम सुशासन का मुद्दा आने वाले समय में भी राजनीतिक गलियारों में गरमाया रहेगा।


